हमें जिन पर नाज है: 10 दिन में हासिल किए गुणवत्ता के सारे मानक
कोरोना से जंग में बीआरडी मेडिकल कॉलेज और रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर(आरएमआरसी) की भूमिका अब और अहम हो गई है। बीआरडी में कोरोना जांच के लिए बना वायरल डायग्नोस्टिक रिसर्च लैब (वीडीआरएल) इंडियन काउंसिंल मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मानकों पर खरा उतरा है। आईसीएमआर ने वीडीआरएल को कोरोना सैम्पल के दूसरे चरण की जांच को मंजूरी दे दी है।
इसके बाद अब मरीजों के सैम्पल को क्रॉस चेक के लिए लखनऊ के केजीएमयू भेजना अनिवार्य नहीं होगा। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक पखवारे पूर्व कोरोना जांच का कोई इंतजाम नहीं था। सीएम की पहल के बाद बीआरडी और आरएमआरसी ने मिलकर कोरोना लैब स्थपित की। सिर्फ 10 दिन पहले ही वीडीआरएल शुरू हुआ है। अब तक 59 नमूनों की जांच हो चुकी है।
पहले चरण की मिली थी मंजूरी
कोरोना संक्रमण की जांच दो चरणों में होती है। पहले चरण में सैम्पल में कोरोना फैमली के वायरस की मौजूदगी की जांच की जाती है। इसे स्क्रीनिंग कहते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक दूसरे चरण में स्क्रीनिंग के बाद रिएक्टिव सैम्पल में कोविड-19 वायरस की पहचान की जाती है। आरएमआरसी ने अब तक की गई सभी जांचों के नमूनों को क्रॉसचेक के लिए लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भेजा। दोनों संस्थानों में जांच के परिणाम समान रहे।